चायबासा-झारखंड बचाओ के मुद्दे पर झारखंड आंदोलन कारियों ने की बैठक.
मनोहरपुर: चाईबासा परिसदन में झारखंड बचाओ अभियान की बैठक पूर्व विधायक मंगल सिंह बोंबोंगा की अध्यक्षता में हुई.बैठक का संचालन कृष्ण सोय ने की.वहीं पूर्व विधायक बोंबोंगा ने अध्यक्षीय वक्तव्य में मुख्य रूप से झारखंड अलग राज्य बनने के बाद भी झारखंड अलग राज्य का सपना अधुरा है.झारखंडीयों को न्याय नहीं मिला,इसका मलाल तो झारखण्ड की समस्या के बारे आंन्दोलनकारियों से बेहतर कौन समझ सकता है.आज की राजनीति निजी स्वार्थ पूर्ति के लिए सत्ता का उपयोग की जा रही हैं .झारखंडी हितों के लिये नीतिगत बातों में हमारे राजनीतिक लोग चुप बैठ गये है.वहीं बैठक को संबोधीत करते हुए झारखंड आंदोलनकारी नरेश र्मुर्मू ने कहा कि राज्य के लिए दुर्भाग्य पूर्ण हैं,कि 20 साल गुजर जाने के बाद भी आंन्दोलनकारियों को पहचान नहीं मिल सका है.राज्यहीत की बातें सिर्फ़ ब्यानबाजी से नहीं चलेगा.सरकार के द्वारा अभी तक जनजातीय सलाहकार परिषद नहीं बना पाना एवं स्थानीय नीति नहीं बनाया जाना राज्य के लिए अत्यन्त ही दुर्भाग्यपूर्ण है.अभियान के सदस्य श्री सुशील बारला ने कहा कि राज्य हित में CNT/SPT Act को राज्यव्यापी बनाये जाना चाहिए.उन्होंने कहा कि 3000 आदिवासी मूलवासी को SAR केस के तहत् फैसला होने के बाद भी दखल दाहनी नहीं करवाना दुर्भाग्य पूर्ण है.सामाजिक कार्यकर्ता श्री तुरी सुन्डी ने कहा , मुद्धों को चिन्हित कर क्रमबद्ध आंन्दोंलन की आवश्यकता है । आंन्दोनकारी मानसिंह बांकिरा ने कहा कि जनमुद्धों को छोड़कर जनप्रतिनिधियों दुसरे कार्यक्रम में बयस्थ है.जनमुद्धों के सवाल पर मुकदर्शक बने हुए हैं.बैठक को पुरेन्द्र हेम्ब्रोम , लालजीशर्मा , विनोद कांडेंयांग , बेनेदिक लुगुन , रंजन सिंह , बिरसा कुन्टिया ,आदि ने भी संम्बोधन किया । इस बैठक में श्री बाली सोय , प्रेम पुर्ती , तरून पुरती , संन्तोष सुन्डी , बिपिन बिरूउली , जगमोहन कुन्टिया , सवन बानरा , संन्तोस सिन्हा , लालसिंह बागे , पापू पुरती, साधुचरण बारजो आदि उपस्थित थे.अन्त में आंन्दोलनकारी चम्पाय वोयपाई ने धन्यवाद देकर बैठक सम्पन्न किया.