मनोहरपुर-उराँव समाज द्वारा सरहूल का त्योहार धूम धाम से मनाया गया.
मनोहरपुर:तरतरा उरांव टोला में आज बुधवार को आदिवासी समुदाय का सबसे बड़ा पर्व सरहुल पर्व धूम धाम से मनाया गया.यह पर्व फसल कटने के साथ ही आरंभ होता है,इसलिए इसे नये वर्ष चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया को चांद दिखाई के साथ ही सरहुल त्योहार का आगाज होता है और पुर्णिमा तिथि में समापन होता है.इस पर्व में विशेष तौर पर प्रकृतिक की पूजा यानी सखुआ पेड़ की विशेष तौर पर पूजा की जाती है.इस पूजा को ग्राम के पाहन पारंपरिक रीति रिवाज पूजा अर्चना के दौरान सुख शांति व समृधि के लिए की जाती है.विशेष कर पाहन द्वारा महिलाओ के सिर पर जल छिड़कते हैं,ऎसा कर वह संतान प्राप्ति के लिए महिलाओं को शुभ कामनाएं देते है.वहीं फूल वितरण कर पाहन यह कहते हैं कि फूल खिल गए हैं. इसलिए फल की प्राप्ति निश्चित है.सरहुल पूजा में सखुआ का फूल सिंदूर जल व दूब चढ़ाया जाता हैं,और मुर्गे की बली व हाडिया का पूजा किया जाता है.इस अवसर पर ग्राम पाहन सुकरा केरकेट्टा पानी भरवा संजय तिग्गा ने घर घर जाकर फूल वितरित किए.साथ ही बढ़े धूमधाम से सरहूल मनाई और रंगो का होली खेली गई.इस मौक्के पर प्रमोद केरकेट्टा,नंदकिशोर केरकेट्टा,महादेव केरकेट्टा,दशरथ केरकेट्टा,अशोक केरकेट्टा अर्जुन तिर्की,दिलो फागू,बुधराम,भागीरथी समेत सैकड़ो की संख्या में उरांव समाज के लोग उपस्थित थे.