धनबाद-एनएसपीएल ठेका कंपनी के अड़ियल रवैये से मज़दूरहीत में क्षेत्रीय श्रमायुक्त व मज़दूर यूनियन की बैठक रहा बेनतीजा.
मनोहरपुर: मनोहरपुर आयरन ओर मायंस चिरिया(सेल) के श्रमिकों के हीत में विगत दिन आयोजि धनबाद में बैठक हुई.जिसमें क्षेत्रीय श्रमायुक्त व मुख्य नियोक्ता,ठेका कंपनी समेत सभी चार श्रमिक यूनियन जिसमें झामस,बीएमएस,बीएसडब्लूयू एवं एट्क यूनियनों के प्रतिनिधि उपस्तिथ थे.जिसमें दर्जनो माँगो के समर्थन में सिर्फ़ मुख्य तीन विंदुओ पर चर्चा हुई.जिसमें सभी श्रमिकों को हाजरी में काम देने,सेमीस्किल्ड का वेतन भुगतान करने एवं मायंस के अंदर ही काम देने पर वार्ता हुई. मैराथन बैठक होने के बाद सेल अधिकृत ठेका कंपनी के प्रतिनिधि ने वार्ता को अगले बैठक 9 अप्रील में करने के एवज़ में वार्ता बेनतीजा रहा.वहीं क्षेत्रीय श्रमायुक्त केंद्रीय धनबाद के बैठक से शनिवार को चिड़िया लौटे झरखण्ड मजदूर संघर्ष संघ के केंद्रीय अध्यक्ष रमा पांडे ने पत्रकारों को बताया की धनबाद श्रमायुक्त कार्यलाय में दुबिल माइंस के मजदूरो की माँगो को लेकर संयुक्त बैठक सोची समझी साजिश के तहत बेनतीजा रहा.झरखण्ड मजदूर संघर्ष संघ समेत तीन अलग अलग यूनियन के लोग निर्धारित समय सीमा पर पहुंच गए थे. किंतु कॉन्ट्रक्टर व् उनके कर्मचारी नही पहूँचे,जिनके कारण दुसरे दिन मीटिंग किया गया,हम यूनियन की दर्जनों मांग थी की मगर पहला मांग में ही फैसला नही हुआ.जिसके कारण अगली बैठक में वार्ता को लेकर मांग पर बात तक नही हों पाई. मजदूरो का वेतन सेमी स्किल्ड में किया जाय मगर कॉन्ट्रक्टर पहले की तरह जैसा काम वैसा पैसा दिया जायेगा की बात रख कर अड़ गया.कॉन्ट्रक्टर अगला मीटिंग 9 अप्रैल को लेकर बात को टालने का काम किया है. 9 अप्रैल का मीटिंग ऐतिहासिक रहेगा उस दिन भी अगर मजदूर के पक्ष में फैसला नही होता है,तो हम सभी यूनियन बंदी की ओर रुख करंगे.मजदूर संघर्ष संघ के अध्यक्ष रमा पांडेय ने सभी यूनियन के प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि यूनियन मजदूरो से चलता है.इसलिये मजदूरो के हित में जो बन पायेगा किया जाएगा. पुनः सभी मजदूर और यूनियन एक साथ होकर मजदूरो का शोषण होने से रोका जाए.झाखण्ड मजदूर संगर्ष संघ चिड़िया शाखा के उपाध्यक्ष चारकु पान ने बताया कि लगभग 15 दिनों से हम मजदूरो को माइंस जाने के लिये गाड़ी नही दिया जा रहा है. मजदूर 3 किलोमीटर रोज पैदल पहाड़ चढ़ रहे हैं. क्या हमलोगों को पैदल चलवाने के लिये एनएसपीएल कम्पनी को ठेका मिला है.जंगल व पहाड़ी रास्ते से होकर मायंस चढ़ते हैं कुछ अप्रिय घटना घाट जाने पर कौन इसकी जिमेदारी लेगा.हमलोगों ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की है.क्षेत्रीय श्रमायुक्त एवं श्रमिक यूनियनों के संग बैठक करने के बाद धनबाद से शनिवार को चिड़िया लौटे झरखण्ड मजदूर संघर्ष संघ के केंद्रीय अध्यक्ष रमा पांडे ने पत्रकारों को बताया की धनबाद श्रमायुक्त कार्यलाय में दुबिल माइंस के मजदूरो की माँगो को लेकर संयुक्त बैठक सोची समझी साजिश के तहत बेनतीजा रहा। झरखण्ड मजदूर संघर्ष संघ समेत तीन अलग अलग यूनियन के लोग निधरित समय सीमा पर पहुंच गए थे। किंतु कॉन्ट्रक्टर व् उनके कर्मचारी नही पहुंचे। जिनके कारण दुसरा दिन मीटिंग किया गया।हम यूनियन की दर्जनों मांग थी की मगर पहला मांग में ही फैसला नही हुआ ।जिसके कारण अगला मांग पर बात तक नही पाई। मजदूरो का वेतन सेमी स्किल्ड में किया जाय मगर कॉन्ट्रक्टर पहले की तरह जैसा काम वैसा पैसा दिया जायेगा की बात रख कर आड़ गया है। कॉन्ट्रक्टर अगला मीटिंग 9 अप्रैल का लेकर बात को टालने का काम किया है। 9 अप्रैल का मीटिंग ऐतिहासिक रहेगा उस दिन भी अगर मजदूर के पक्ष में फैसला नही होता है। तो हम सभी यूनियन बंदी की ओर रुख करंगे। मजदूर संघर्ष संघ के अध्यक्ष रमा पांडेय ने सभी यूनियन के प्रतिनिधियों से आग्रह किया है,की यूनियन मज़दूरों के बदौलत चलता है.इसलिए मज़दूरों के हीत में आर पार की लड़ाई लड़ेंगे.ताकी मज़दूरों का शोषण होने से रोका जाए.वहीं झामस संघ चिरिया शाखा के उपाध्यक्ष चारकु पान ने बताया की लगभग 15 दिनो से मज़दूरों को मायंस जाने के लिए ठेका कंपनी बस नहीं दे रही है.मज़दूरों को 3 की.मी.रोज़ाना पैदल जंगली व पहाड़ी रास्तों से मायंस चढ़ना पड़ता है.इस दौरान किसी भी प्रकार की अपिय घटना होती है,तो इसकी जवाबदेही कौन लेगा.क्या मज़दूरों को पैदल जाने के लिए ही एनएसपीएल ठेका कंपनी को ठेका मिला है.हमलोगो ने इसकी शिकायत जिला प्रशासन से की है.