मनोहरपुर-चिरिया मायंस (सेल) अंतर्गत प्रभावित गाँव गेंडूम में पेयजल कि भारी क़िल्लत,सीएसआर से बना एक मात्र चापाकल एक साल से बेकार.

 ग्रामीण नज़ूमदा नाला से पानी पीने को मजबूर.मनोहरपुरः 100 वर्ष से अधिक क्षेत्र में कार्यरत विश्व प्रसिद्ध मनोहरपुर आयरन ओर मायंस चिरिया(सेल) सारंडा अंतर्गत प्रभावित गाँव गेंडूम में वर्तमान में भी बुनियादी विकास का घोर अभाव देखा जा रहा है.जबकी चिरिया मायंस से सेल को करोड़ों कि राजस्व कि प्राप्ति होती है.बावजूद यहाँ कि मूलभूत समस्या आज भी जस का तस है.विशेषकर पेयजल कि घोर समस्याओं से ग्रामीणो को हर वर्ष जूझना पड़ता है.जबकी ग्रीष्मऋतु आने में अभी देर है,बावजूद अभी से ही पेयजल संकट कि समस्या गहराता जा रहा है.गेंडूम गाँव नीचे टोला में चिरिया(सेल)सीएसआर के द्वारा एक मात्र निर्मित चापाकल एक साल से बेकार पड़ा हुआ है.जबकी पेयजल कि विकट स्थिति को देखते हुए ग्रामीण गाँव के समीप नज़ूमदा नाला से चूँआ खोदकर पानी पीने को मजबूर है.जिससे स्थानीय लोगों में चिरिया सीएसआर(सेल) के प्रति भारी नाराज़गी देखी जा रही है.
सारंडा बीहड़ से सटे गेंडूम गाँव अवस्थित ऊपर टोला व नीचे टोला अंतर्गत इस गेंडूम गाँव में लगभग 150 घर एवं 1500 से 2000 लोगों कि आबादी है.राज्य सरकार द्वारा डेड़ दर्जन सिंचाई व पेयजल कुँवा एवं चापाकल है.चूँकि दर्जन भर कुआँ और चापाकल मरम्मती के अभाव में बेकार है
 चिरिया(सेल)के द्वारा गेंडूम गाँव को गोद लिए जाने के बावजूद सीएसआर द्वारा मूलभूत समस्या जस का तस बनी हुई है.सीएसआर के द्वारा नीचे टोला में बना एक मात्र चापाकल वह भी एक साल से बेकार पड़ा हुआ है.यहाँ के स्थानीय ग्रामीण अपने आपको ठगा महशुस कर रहें हैं.रामचंद्र हेम्ब्रोम मुंडा गेंडूम गाँव पंचायत लाईलोर,प्रखंड मनोहरपुर,झारखंड.

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