सारंडा-बंजरभूमी पर सब्ज़ियाँ उगाकर,दूसरे किसानो को भी कर रहे हैं प्रेरित.आजसू नेता शंकर सिंह मुंडारी
मनोहरपुर:प्रखंड के सूदूरवर्ती नक्सल प्रभावित सारंडा बीहड़ से सटे वनग्राम गिंडुम आज बाग़वानी के ज़रिए विभिन्न प्रकार के सब्ज़ियों कि खेती से लहलहा रहें हैं.यह कर दिखाया है,किसान सह आजसू नेता शंकरसिंह मुंडारी जिसने अपनी बंजरभूमी को कृषिभूमि में तब्दील कर दूसरे अन्य किसानो को भी प्रेरित करने का काम कर रहें हैं.श्री मुंडारी ने अपनी तीन एक़ड़ बंजर भूमि में आम कि बाग़वानी के अलावा विभिन्न प्रकार कि सब्ज़ियाँ उगा रहें हैं.इस काम में उनके घर परिवार कि मद्त के अलावा गाँव के बेरोज़गार श्रमिकों को भी लाभ पहूँचा रहें है.विदित हो,कि गिंडुम गांव में सिंचाई कि कमी एवं अधिकतर भूमि बंजर है,क्योंकि इस क्षेत्र में लौह अयस्क प्रचुर मात्रा में पाया जाता है.वहीं गाँव से गुजरने वाली एकमात्र नजुमदा नाला ही पेयजल व बाग़वानी खेती के लिए सिंचाई का स्रोत है.********************************************************************विश्व विख्यात मनोहरपुर आयरन ओर मायंस चिरिया(सेल) के पोषक क्षेत्र अंतर्गत आने वाले एवं गोद लिए यह गेंडुम गाँव आज भी अपनी बदहाली के लिए जाने जाते है.सेल कि ओर से यहाँ के ग्रामीणों के लिए एकमात्र चापाकल है जो एक साल से खराब पड़ा हुआ है.इस गांव के ग्रामीणों का कहना हैं कि,यदी सेल और राज्य सरकार अगर रोजगार नहीं देती है तो गांव में किसानों के लिए जगह जगह सिंचाई कुंआ,डीप बोरिंग की व्यवस्था करती है तो निश्चित ही यहाँ के किसान भी बाग़वानी कर स्वरोजगार से अपना भला कर पाता.शंकरसिंह मुंडारी.किसान सह आजसू नेता,गेंडुम मनोहरपुर प्रखंड,पश्चिमी सिंहभूम,झारखंड.