मनोहरपुर-चिरिया(सेल)के 452 ठेका मज़दूरों का छंटनी,सेल व ठेका प्रबंधन कि साज़िश.-झामसंसं मज़दूर नेता हरेन सिंह.
सड़क तो बहाना है,ठेका श्रमिकों को छंटनी के आड़ में हटाना है.मज़दूरों के हीत में यदी फ़ैसला नहीं हुआ तो होगा आंदोलन.झामसंसं अध्यक्ष-रामा पांडे.
मनोहरपुर-सेल द्वारा संचालित चिरिया माइंस के 452 ठेका मजदूरों के सिर पर लटकी छंटनी का तलवार अब श्रम मंत्रालय दिल्ली से इस संदर्भ में सारी प्रक्रिया पुरी कर ली गई है.वहीं आगामी 19 जुलाई से श्रम मंत्रालय द्वारा जारी मज़दूरों का छंटनी असुरक्षित सड़क के नाम पर उन्हें काम से बैठा दिया जाएगा.विदित हो कि विगत 20 जून को श्रममंत्रालय(दिल्ली) के समक्ष सेल के मज़दूर यूनियन इस मामले में अपना पक्ष रखा था,उन्हें विश्वास था की फ़ैसला मज़दूरों के हीत में होगा.किंतु डीजीएमएस(सेल)के गायड लायन पर चिरिया स्थित लौह अयस्क खदान से ट्रांसपोर्टिंग के लिए उक्त सड़क को असुरक्षित बताया गया है.ताकी सेल व ठेका प्रबंधन के द्वारा काफ़ी अर्से से चल रहे मज़दूरों का छंटनी की साज़िश असुरक्षित सड़क के आड़ में छंटनी का प्रयोग सफल हो सके.इस कारण प्रभावित आदिवासी बहुल क्षेत्र के स्थानीय मजदूरों का अब सब्र का बांध धीरे-धीरे टूटता जा रहा है.जिससे स्थानीय मज़दूरों में सेल व ठेका प्रबंधन के प्रती रोष देखा जा रहा है.मज़दूरों के हीत में सार्थक पहल हो नहीं तो होगा आंदोलन-झामसंसं अध्यक्ष-रामा पांडे.झारखंड मज़दूर संघर्ष संघ के अध्यक्ष रामा पांडे ने राज्य एवं केंद्र सरकार के अलावा स्थानीय विधायक एवं मंत्री जोबा माँझी एवं सांसद गीता कोड़ा से अनुरोध करते हुए उन्होंने कहा है,की चिरिया (सेल) के 452 श्रमिकों के हक़ में सही फ़ैसला लें.उन्हें छंटनी के आड़ में मज़दूरों के उनके हक़ से बेदख़ल ना करें.उन्होंने कहा,की यदी इस दिशा में सार्थक पहल नहीं होती है,तो वे आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.जिसका सारी जवाबदही राज्य व केंद्र सरकार की होगी.