मनोहरपुर- ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती को,शिष्यों एवं अनुयायीयों ने दी श्रधांजलि.

मनोहरपुरः द्वारिका एवं ज्योतिर्मठ बद्रिकाश्रम के शंकराचार्य श्री श्री 108 जगदगुरु शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज जी के निधन से उनके शिष्य एवं अनुयायी काफ़ी मर्माहत एवं दुखी है.दिवंगत आत्मा की परम शांति के लिए सोमवार को मनोहरपुर अवस्थित विघ्नविनाशक गणेश मंदिर प्रांगण में शोक सभा का आयोजन हीरालाल नायक की अध्यक्षता में किया गया.साथ ही शोक सभा में उपस्थित अनुयायीयों ने उनकी आत्मा की परम शांति के लिए दो मिनट का मौन रखकर उनकी तस्वीर पर श्र्धासुमन अर्पित कर भावभीनी श्रधांजलि दी गई.उल्लेखनीय है कि मनोहरपुर अवस्थित गणेश मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा एवं मंदिर का उद्घाटन वर्ष 2018 ई.में शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के करकमलो से हुआ था.उस वक्त श्री महाराज जी ने गणेश मूर्ति कि बढ़ी आकृति एवं भव्यता से काफ़ी अभिभूत हुए थे.उन्होंने कहा था,कि इतनी बढ़ी मूर्ति की स्थापना पूरे झारखंड राज्य में नहीं है.उनके आशीर्वचन से आज मनोहरपुर अवस्थित विघ्नविनाशक गणेश मंदिर पूरे कोल्हान अंचल में विख्यात है.यहाँ हर वर्ष गणेशचतुर्थी पर दस दिवसीय गणेशोत्सव एवं मेला का भव्य आयोजन किया जाता है.जो पूरे कोल्हान अंचल में सबसे प्रसिद्ध गणेशोत्सव सह गणेश मेला के रूप में विख्यात है.और श्री महाराज जी की असीम अनुकंपा व उनके आशीर्वाद से गणेश मंदिर काफ़ी फल फूल रहे है.इस मौक़े पर उपस्थित गणेश मंदिर के संस्थापक सदस्य एवं संरक्षक रंजित यादव ने कहा कि.श्री महाराज जी का गणेश मंदिर से काफ़ी लगाव था.और वे मंदिर प्रबंधन के बारे समय समय पर जानकारी भी लेते रहते थे.इससे पत्ता लगता है कि शंकराचार्य जी अतिव्यस्त होने के बावजूद भी सनातन संस्कृति की रक्षा के लिए प्रयासरत्त रहते थे.उनके निधन से सनातनी संस्कृति की अपूरणीय क्षति हुई है.

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