मनोहरपुर/चिड़िया- 19 सूत्री मांगो के समर्थन में,ठेका श्रमिकों ने निकाला मौन जुलूस.श्रमिकों ने ठेका कंपनी(एनएसपीएल) को काली सूची में डालने का किया मांग.
मनोहरपुर: मनोहरपुर आयरन ओर माइंस चिड़िया(सेल) के ठेका श्रमिक शुक्रवार को चिड़िया में मौन जुलूस निकाला साथ ही श्रमिकों ने अपनीं 19 सूत्री प्रस्तावित मांगो के समर्थन में सेल व ठेका प्रबंधन के विरुद्ध जमकर नारे बाज़ी किया.मौके पर मज़दूर नेता विजय भेंगरा एवं धनिराम अंगरीया ने कहा कि अपनी मांगो को लेकर सेल प्रबंधन को पूर्व में ही ज्ञापन दिया गया है.किंतु सेल प्रबंधन व ठेका प्रबंधन दोनों की आपसी मिलीभगत से ठेका मजदूरो को उनके हक़ से वंचित किया जा रहा है.कहा कि मजदूरों का सब्र का बांध टूटता जा रहा है.सभी ठेका मज़दूर अब सेल व ठेका प्रबंधन के विरुद्ध आर पार की लड़ाई लड़ने के मूड में है.यदि समय रहते सेल प्रबंधन उनकी जायज़ मांगो को नहीं मानती है तो.निश्चित सभी ठेका मज़दूर आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.जिसकी सारी जवाबदेही सेल प्रबंधन की होगी.इस मौके पर मनोहरपुर आयरन ओर माइंस चिड़िया सेल ठेका श्रमिक संघ के नेता विजय भेंगरा,धनिराम अंगरीया,लाल समद.चरकु पान,श्याम दास,मनी बरजो,बिधू चंपीया,दीपक भुइयाँ,निरोध नायक समेत सैकडों की संख्या में ठेका श्रमिक उपस्थित थे.============================ ठेका श्रमिकों का मुख्य मांग इस प्रकार है:-============================1. सभी मजदूरों को पूर्व की भाँति खदान में काम दिया जाए साथ ही आवागमन की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाए.2. जब तक खदान में काम करने के लिए जगह नहीं दिया जाता है काम करने की पूरी सुविधा नहीं दी जाती है तब तक हाजिरी दिया जाए.3. हाजिरी काटना बन्द किया जाए.4. "डी" रजिस्टर में पूर्व की भाँति बी रजिस्टर में नाम दर्ज सुपरवाईजरों द्वारा हाजिरी भरा जाए.5. मजदूरों का वेतन भुगतान की तिथि प्रत्येक माह के दस तारीख को निर्धारित है.परन्तु ठेकदार द्वारा परेशान करने के लिए अत्यंत विलम्ब से वेतन भुगतान करती है.कभी-कभी तो दो से तीन माह के विलम्ब से वेतन भुगतान होता है। वेतन भुगतान में विलम्ब करने एवं निर्धारित तिथि के बीत जाने जैसी परिस्थिति में सेल प्रबंधन मजदूरों का वेतन भुगतान प्रत्येक माह दस तारीख को कराना सुनिश्चित किया जाय.6. परिवार सहित सभी मजदूरों को चिकित्सा सुविधा दिया जाए.7. मजदूरों को पूर्व की भाँति चिकित्सा अवकाश तथा वार्षिक अर्जित छुट्टी उपलब्ध कराई जाए.8. मजदूरों का बिल मनोहरपुर में "बी" रजिस्टर में नामांकित कर्मचारियों द्वारा बनवाया जाए.9. छटनी प्रक्रिया पूर्णतः समाप्त किया जाए।10. जिन मजदूरों को PME न होने के कारण, Logn Absent होने के कारण अथवा आधार में जन्म तिथि की गड़बड़ी के कारण काम से हटाया गया है उन्हें जल्दी से काम पर वापस बुलाया जाए.11. जिन मजदूरों को 2017 में रिट्रेचमेंट के नाम पर काम से हटाया गया है उन्हें वापस काम पर लिया जाए.12. लम्बे समय से नियमित रूप से काम कर रहे वैसे मजदूर जिनका नाम फॉर्म "बी" में दर्ज नहीं किया गया है उनका नाम बी रजिस्टर में दर्ज किया जाएं.13. मेसर्स ओर्स इण्डिया प्रा.लि. 1999 में ठेकेदार बन कर चिड़िया खदान में काम किया.इसके बाद DECO नाम से ठेका लेकर 2017 में मजदूरों के खाते में की रकम डाला गया, किसी के खाते में 1 लाख किसी के खाते में 2 लाख किसी के खाते में 3 लाख 4 लाख राशी.चूंकि मजदूर यह जानना चाहते हैं कि यह कौन सा रकम है.इसका सम्पूर्ण विवरण अथवा जानकारी हम मजदूरों को दिया जाए.मेसर्स ओर्स इण्डिया प्रा.लि. के आने से पहले का रकम डाला गया अथवा नहीं इसकी जानकारी भी दिया जाए.14. NSPLठेका के कार्यकाल के अन्तिम तीन महीनों में मजदूरों ने जो माल बनाकर अपने कार्यस्थल (फेस), में छोड़ा था जिसका भुगतान अभी तक नहीं किया गया है उसका भुगतान किया जाए.15. अभी तक मजदूरों का जो हाजिरी काट-काट कर वेतन भुगतान किया गया है उसका पूरा भरपाई करते हुए भुगतान किया जाए.16. जो मजदूर शारीरिक बीमारी के कारण काम करने में असमर्थ है उनके आश्रितों को काम दिया जाए.17. प्रबंधन द्वारा बहाने बनाकर व साज़िश के तहत खदान से मजदूरों को निरंतर हटाने का प्रक्रिया चालू रखा गया है, परन्तु नए मजदूरों का बहाली नहीं किया जा रहा है.इसलिए खदान में नए मजदूरों की बहाली किया जाए.18. क्रेशर मशीन को तीन शिफ्ट में चलाकर स्थानीय बेरोजगारों को काम पर लिया जाए अन्यथा मशीन को खदान से हटाया जाए.19. वर्तमान कार्यरत ठेका कंपनी NSIPL (Narayani Sons India Pvt. Ltd.) को Black listed (काली सूची) में डाला जाए.