मनोहरपुर-बाल संरक्षण कर्मी नाबालिग बच्चियों को परिजनों को सौपा.

मनोहरपुरः दिल्ली काम करने जा रही दो नाबालिग बच्चियो को बाल संरक्षण कर्मियों ने उसके परिजनों को सौप् दिया है.यह घटना मंगलवार की है.जब ये दोनों बच्ची आज सुबह अप उत्कल एक्सप्रेस से दिल्ली जाने के लिए मनोहरपुर टेम्पो स्टैण्ड के पास काफ़ी देर से वहां गुमसूम बैठी हुई थी.तभी वहां बैठी उन बच्चियों पर बालसंरक्षण कर्मी जगन्नाथ पोद्दार व युवा समाजसेवी गोवर्धन ठाकुर की नज़र पड़ गई.उन्होंने उन बच्चियों से पूछताछ करना शुरू कर दिया.उन दोनों बच्चीयों ने जब अपना हाल सुनाया तो बालसंरक्षण कर्मी और युवा समाजसेवी दंग रह गए.दोनों बच्चियों ने बताया की घर की आर्थिक तंगी के कारण ही वे दोनों अपने माता पिता की मर्ज़ी से जा रहे थे.किंतु दिल्ली जैसे बड़े महानगर में काम की तलाश में अकेले दोनों नाबालिग बच्ची किसी बड़ी मुसीबत को दावत दे सकती है.वहीं मौके की नज़ाकत को भांपते हुए बाल संरक्षणकर्मी जगन्नाथ पोद्दार और युवा समाज सेवी गोवर्धन ठाकुर ने अपनी सूझबुझ से उन बच्चियों को समझा बुझा कर उनके घर पहुंचा कर परिजनों को सौंप दिया है.उल्लेखनीय है कि झारखंड सबसे अमीर राज्य होने के बावजूद ग़रीब राज्य में शुमार है.जबकि मनोहरपुर अंचल लौह अयस्क व वनसंपदाओं के आधारभूत संरचना से परिपूर्ण होने के बावजूद क्षेत्र में उद्योग धंधे नहीं है.देश के सबसे बड़े मनोहरपुर आयरन ओर चिड़िया माइंस में रोज़गार का सृजन नहीं होना बल्कि जो लोग वहां पूर्व से काम कर रहे थे उन ठेका श्रमिकों को छंटनी के नाम पर बैठा दिया गया है.यह भी प्रमुख कारण है.जिससे यहां के लोग रोज़गार के तलाश में दिल्ली,मुंबई,कोलकाता,चेन्नई व अहमदाबाद,सूरत जाने को मजबूर है.जबकि राज्य की हेमंत सरकार का रोज़गार देने का चुनावी वादा सिर्फ़ वादा ही रह गया.जिससे यहां के युवा अपने आपको ठगा महशूष कर रहें है.

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