मनोहरपुर-महिलाओं ने सिंदूर खेला खेलकर,मां दुर्गा को दि विदाई.
मनोहरपुर: बुधवार को स्थानीय महिलाओं ने विभिन्न पूजा पंडालो में सिंदूर खेला का आयोजन किया गया.सिंदूर खेला प्रतिमा के विसर्जन के पूर्व मां दुर्गा को सिंदूर खेला खेलकर भावपूर्ण विदाई दि गई.विदित हो कि शारदीय नवरात्रि के दसवें दिन जब मां दुर्गा जब वापस जाती हैं तो उनकी विदाई के सम्मान में सिंदूर की होली खेली जाती है.यह पर्व सामाजिक एकता और आनंद की भावना को दर्शाता है.ऐसे में यह परंपरा दुर्गा पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुकी है.सिंदूर खेला की रस्म यानी मां दुर्गा की भावपूर्ण विदाई:- मान्यता के अनुसार सिंदूर खेला के इस रस्म की परंपरा 450 वर्ष से भी अधिक पुरानी है.सबसे पहले इसकी शुरुआत बंगाल से हुई थी.और अब काशी समेत देश के अलग-अलग जगहों पर इसकी खासी रंगत देखने को मिलती है.मान्यताओं के अनुसार मां दुर्गा 10 दिन के लिए अपने मायके आती है.जिसे दुर्गा पूजा के रूप में दुर्गोत्सव मनाया जाता है और जब मां वापस जाती है तो उनके विदाई में एवं उनके सम्मान में सिंदूर खेला की रस्म की जाती है.