मनोहरपुर-सनातन का मूल आधार बेद है,पुरुषार्थ को प्राप्त करना है तो परमात्मा की आराधना करें-जगद्ग़ुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती.
मनोहरपुर: मानव समाज के कल्यनार्थ हेतु द्वारिकाधीश पीठ के जगद्ग़ुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म का मूल आधार बेद हैं.ईश्वर की शक्तिपुंज मंदिरों में निहित है.यदी आत्मशक्ति व पुरुषार्थ को प्राप्त करना है तो परमात्मा की भक्ति,आराधना करनी होगी.सोमवार को मनोहरपुर संत नरसिंह आश्रम परिसर में आयोजित आध्यात्मिक प्रवचन के दौरान श्रोताओं से उक्त संदेश जगदगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वतीं जी महाराज ने कही.उन्होंने इस निमित परमार्थ सेवा ही जीवात्मा के मुक्ति का मार्ग व मूल्यआधारित जीवन का मूलसार बताया.वहीं शंकराचार्य जी महाराज जी का मनोहरपुर एक दिवसीय दौरे के क्रम में विश्वकल्यान आश्रम से सीधे श्री विघ्नविनाशक गणेश मंदिर पहुंचे तथा उनकी अगवानी में स्थानीय भक्तों व मंदिर समितियों के द्वारा उनका भव्य स्वागत फूलमालाओं से किया गया.इस दौरान उन्होंने भगवान गणेश की पूजा आराधना किया,और उपस्थित श्रद्धालुजनों का अपना आशीर्वचन प्रदान किया.इस क्रम में स्वामी जी ने श्रीश्री मौनी आश्रम स्थित जगन्नाथ मंदिर मनोहरपुर का भी निरीक्षण किया.तथा भगवान जगन्नाथ जी की भव्य व आकर्षक मंदिर का निर्माण हेतु धर्मप्रेमियों को प्रेरित किया.उन्होंने इसके उपरांत संत नरसिंह आश्रम परिसर स्थित नवदुर्गा मंदिर,भगवान नर्सिंग जी,पातालेश्वर महादेव मंदिर,हनुमान जी,राधाकृष्ण एवं सूर्य मंदिर का भी दर्शन किए तथा मनोहरपुर स्थित सभी मंदिरों की मनमोहक व रमणीक स्थलों का बखान किए.इस मौके पर विश्व कल्यान आश्रम के प्रभारी केवल्यानंद जी,इंद्रजीत मल्लीक,नगर के प्रमुख व गणेश मंदिर समिति के संरक्षक रंजित यादव,अभयशूल्पानी,हिरालाल नायक,अरविंद गुप्ता,बसंत हरलालका,अनिल तिवारी,उषादेवी ख़ुशबू,बब्बू श्रीवास्तव,राजेश हरलालका,चंडी हरलालका,रजनीश शाह,सुमित शाह,समेत नगर के प्रमुख गणमान्य व धर्मप्रेमी महिलायें,पुरुष आदि उपस्थित थे.