मनोहरपुर-रोज़गार की मांग को लेकर चिड़िया सेल ऑफिस का,स्थानीय युवाओं का अनिश्चित क़ालीन धरना प्रदर्शन जारी.धरना पर बैठे एक युवक की बिगड़ी स्वास्थ्य,चिड़िया सेल अस्पताल में भर्ती.
मनोहरपुर :वीती सोमवार शाम चिड़िया में स्थानीय बेरोजगार युवकों द्वारा रोजगार की मांग को लेकर चिड़िया माइंस सेल ऑफिस मुख्य गेट के समीप अनिश्चित क़ालीन धरना पर बैठे है.तथा अपनी मांगो को लेकर धरना प्रदर्शन जारी है.विदित हो कि रोज़गार को लेकर एक माह पूर्व भी धरना प्रदर्शन कर चिड़िया माइंस से लौह अयस्क की ढुलाई कार्य पांच दिन ठप्प कर दिया गया था.पूर्व में भी युवाओं का आंदोलन आदर्श श्रमिक स्वावलंबी सहकारी समिति चिड़िया के बैनर तले किया गया था.किंतु उस वक़्त सेल प्रबंधन व स्थानीय प्रशासन ने समिति के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से वार्ता के दौरान दस दिन का समय लिया इसके बाद अनिश्चितक़ालीन धरना प्रदर्शन वापस ले लिया गया था.वहीं इस आंदोलन को लेकर समिति के सचिव सिंगराय कच्छप का कहना हैं कि विगत वर्ष 2011 से समिति की ओर से सेल प्रबंधन से सप्लाई केजुअल में बहाली करने की मांग करते आ रहे हैं.लेकिन अभी तक स्थानीय बेरोजगार युवाओं को रोजगार नहीं मिला हैं.सेल प्रबंधन से वार्ता करने पर समिति के सदस्यों को कहा जाता हैं की सेल में फ़िलहाल रोज़गार का कोई विकल्प नहीं है.यदि भविष्य में रोज़गार की स्थिति बनती है तो स्थानीय युवाओं को काम पर बहाल किया जाएगा. जबकि रोजगार के संबंध में स्थानीय सांसद, विधायक और जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराया गया हैं. वहीं चिड़िया सेल में धरना पर बैठे युवाओं से मिलने पहुंचे झामुमो नेता सह ज़िलापरिषद उपाध्यक्ष रंजित यादव ने कहा की समिति का मांग जायज हैं सेल प्रबंधन को बेरोजगार युवकों को रोजगार देना चाहिए. इस संबंध में उन्होंने कहा कि वे राज्य के सीएम हेमंत सोरेन एवं पश्चिम सिंहभूम ज़िले के सांसद जोबा मांझी समेत चाईबासा विधायक सह मंत्री दीपक बिरुवा,चक्रधरपुर विधायक सुखराम उरांव एवं मंझगांव विधायक निरल पूर्ति को इस मुद्दे को अवगत कराने एवं सभीको ज्ञापन देंगे.ताकी इस ज्वलंत मुद्दे पर मंत्री,सांसद,विधायक की मौजूदगी में सेल प्रबंधन के साथ वार्ता कर स्थानीय बेरोज़गार युवकों को रोज़गार दिलाने का आश्वासन दिया.इस मौके पर आंदोलनरत्त समिति के अध्यक्ष संतोष कच्छप, सुनील दास, सुनील साफी, किशोर लोहार, मुकु बोयपाई, अमरजीत बिजिया, महेंद्र गगराई समेत बिनुवा, अंकुआ, लोगों गांव के दर्जनों बेरोजगार युवक मौजूद थे.