झारखंड-इंडिया गठवंधन की अभूतपूर्व जीत,एनडीए गठवंधन का सपना हुआ चूर चूर.
स्व.देवन्द्र मांझी और जोबा मांझी कि विरासत को जगत मांझी ने रखा बरकरार.मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र से अंतिम यानी 19 राउंड का परिणाम घोषित.झामुमो प्रत्याशी जगत माझी - के पक्ष में 73034 (+31956) से जीत दर्ज.आजसू प्रत्याशी डॉo दिनेश चंद्र बोयपाई - के पक्ष मे 41078(-31956) से हार.लोकसभा चुनाव में इलेक्शन मैनेजमेंट से चर्चा में आए थे जगत माझी.-पहली बार चुनावी मैदान में उतरे और दर्ज की जीत, मनोहरपुर से शहीद पिता देवेंद्र माझी एक बार और मां जोबा माझी पांच बार रह चुकी है विधायक, जगत के समक्ष अब मां और पिता के राजनीतिक विरासत आगे बढ़ाने की चुनौती.मनोहरपुर : मनोहरपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता ने माझी परिवार की दूसरी पीढ़ी को अपना प्रतिनिधित्व चुन लिया है. पहली बार चुनावी मैदान में उतरे जल, जंगल और जमीन आंदोलन के अगुवा रहे शहीद देवेंद्र माझी और सांसद जोबा माझी के ज्येष्ठ पुत्र जगत माझी के सिर जीत का सेहरा बंध चुका है. जगत माझी ने अपने निकटतम प्रतिदंदी आजसू प्रत्याशी दिनेश चंद्र बोयपाई को मात दी. जगत माझी के विधायक निर्वाचित होने के साथ उनके समक्ष पिता और मां के राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाने की चुनौती है. चुनाव परिणाम आने के बाद उनकी पहली प्रतिक्रिया थी कि पिता और मां के विचारों और सिद्धांतों के साथ मनोहरपुर के विकास के रथ को आगे ले जाएंगे. इसके साथ ही उन्होंने मनोहरपुर के तमाम मतदाताओं के प्रति भी आभार व्यक्त किया है. उन्होंने स्वयं को भाग्यशाली मानते हुए कहा जनता ने उन्हें उस क्षेत्र का नेतृत्व करने का अवसर दिया है , जहां से उसके दिवंगत पिता देवेंद्र माझी ने जंगल में रहने वाले लोगों के हक और अधिकार की लड़ाई लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त किये. वहीं उनकी मां वर्तमान में सिंहभूम की सांसद जोबा माझी भी मनोहरपुर से 1995, 2000, 2005, 2014 और 2019 पांच बार विधायक चुनी गई. जगत माझी के पिता देवेंद्र माझी पहली बार 1980 में चक्रधरपुर और 1985 में मनोहरपुर से विधायक चुने गये थे.38 वर्षीय जगत माझी की छवि हमेशा से लाइमलाइट से दूर पर्दे के पीछे रहकर काम करने वालों में रही है. इसी साल संपन्न लोकसभा चुनाव में जोबा माझी को जब सिंहभूम से इंडिया महागठबंधन का प्रत्याशी बनाया गया तब उन्होंने पूरे चुनाव प्रबंधन की कमान अपने हाथों में ली और बेहतर इलेक्शन मैनेजमेंट से सभी का ध्यान खींचा था. वैसे साल 2014 के विस चुनाव से ही जगत माझी अपनी मां की सहयोगी के रूप में काम करने शुरू कर दिया था. उस वक्त से ही क्षेत्र के लोग जगत माझी से परिचित हो गये थे. इसका लाभ विधानसभा चुनाव 2024 में मिला.