मनोहरपुर-तिरला बालू घाट की जन सुनवाई को लेकर प्रशासन एवं ग्रामीणों की ग्राम सभा हुई.
शर्तों के मुताबिक़ ग्रामीनो ने बालू उत्खनन की दी सहमति.

① संतोषबाबू के घर से नदी घाट तक 3.5km पीसीसी पथ का निर्माण.
मनोहरपुर : झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के द्वारा बालू उत्खनन के संदर्भ में मंगलवार को मनोहरपुर तिरला-1 बालू घाट की जन सुनवाई हेतु ग्राम सभा का आयोजन किया गया.ग्राम सभा में जन सुनवाई एडीसी प्रवीण कुमार केरकेट्टा की अध्यक्षता में हुई.जिसमें जन सुनवाई निर्धारित मापदंड के अनुरूप ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से बालू उत्खनन हेतु आम सहमति प्रदान की गई.विदित हो कि तिरला-1 बालू घाट का टेंडर एजेंसी ओसीईएओ-ईनभीआईआरओ को मिला है. वहीं जन सुनवाई के दौरान एजेंसी के अधिकारी सोनू दुबे ने कहा कि बालू उत्खनन को लेकर सरकार के द्वारा निर्धारित मापदंड व शर्तों को पूरा करने के लिए एजेंसी संकल्पित है. वहीं एजेंसी की ओर से आश्वस्त करते हुए ग्रामीणों द्वारा प्रस्तावित 12 सूत्री मांगों के समर्थन में अपनी सहमति प्रदान की. इस मौके पर जिला परिषद उपाध्यक्ष रंजित यादव,जिला परिषद सदस्य जयप्रकाश महतो, मुखिया रानी क्व्छाप,प्रदुषण नियंत्रण पर्षद रामप्रवेश कुमार,तकनीकी अभियंता कुंदन कुमार, डीएमओ मेघलाल टुडू, पर्यावरण सलाहकार मो.तौसिक,ग्राम प्रधान गोपाल कव्छप, वार्ड सदस्य बंधना तिर्की,ग्रामीण रैयत मनोज सिंहदेव, संतोष सिंहदेव, बिनोद मिंज सहित काफी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.ग्रामीणों की प्रस्तावित 12 सूत्री मांगें इस प्रकार हैं.
(2) तिरला बालू घाट में मशीन के बदले ग्रामीण मजदूरों के द्वारा बालू का उठाव होगा.
(3) ग्राम कोष में प्रति ट्रिप बालू उठाव में 10% राशि जमा करना होगा.
(4) बालू ट्रिप सिर्फ दिन में ही होगा.
(5) बालू घाट मार्ग में पानी का छिड़काव दिन भर करना होगा.
(6) बालू उठाव में गाँव वालो के ट्रैकटारों को पहला प्रथामिकता देना होगा.
(7) ग्रामीण रैयतों के साथ एकरारनामा मैं सहयोग देना होगा .
(8) गाँव के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में सहयोग राशि देना होगा.
(9) बालू घाट का संचालन ग्राम समिती को दिया जाए.
(10) उपरोक्त पंचायत अंतर्गत जितने भी गाँव आते हैं, उन्हें रॉयल्टी मुक्त किया जाए.
(11) एजेंसी द्वारा गांव में पाउडी मंदिर का निर्माण किया जाय.
(12) उपरोक्त सभी शर्तों पर सहमती होने पर ग्राम सभा अनुमाति प्रदान करेगी तथा ग्राम सभा के आदेश का पालन करना होगा.अन्यथा विषेश परिस्थिती में ग्राम सभा बालू का उठाव बन्द करवा सकती है.