मनोहरपुर- विभागीय अनदेखी से छोटानागरा स्थित पशु चिकित्सालय भवन जर्जर

पशुपालकों ने चिकित्सक बहाली हेतु प्रशासन से लगाई गुहार.

मनोहरपुर : पश्चिमी सिंहभूम जिला अंतर्गत मनोहरपुर प्रखंड के सुदूरवर्ती सारंडा छोटानागरा स्थित प्रथम वर्गीय पशु चिकित्सालय भवन पशुपालन विभाग और जिला प्रशासन के अनदेखी से उक्त भवन अनुपयोगी व जर्जर हालत में है. जबकि लाखों रुपये की लागत से बने पशु चिकित्सालय का लाभ क्षेत्र के पशुपालकों को नहीं मिल पा रहा है. जिससे इसकी उपयोगिता पर प्रश्न चिह्न खड़ा हो गया है. उल्लेखनीय है कि पशु चिकित्सालय करीब 6-7 वर्ष पहले स्थापित हुई थी. परंतु स्थापना के बाद से अब तक यहां के लोगों ने यहां पर पदस्थापित चिकित्सक को आज तक नहीं देखा है. ऐसे में यहां के पशुपालकों को इसका लाभ मिलना दिवास्वप्न के समान है. छोटानागरा के ग्राम मुंडा विनोद बारीक ने बताया कि पशु चिकित्सालय कभी खुलता ही नहीं है. तथा क्षेत्र के पशुपालक आज तक यहां पदस्थापित चिकित्सक को भी देखा तक नहीं है. यहां पर पशुधन का इलाज के अभाव में हर साल काफी संख्या में पशुओं की मौत हो जाती है. इस बारे में मनोहरपुर के पशु चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. संजय घोलटकर ने बताया कि 6 माह पहले तक यहां पर पशु चिकित्सक डॉ. बबलू सुंडी नामक चिकित्सक पदस्थापित थे. परंतु उन्होंने अपना स्थानांतरण करवा लिया. उसके बाद से इसका प्रभार उन्हें मिला है. परंतु मनोहरपुर और आसपास में वर्क लोड ज्यादा होने पर वे वहां नियमित रूप से नहीं जा पाते हैं. कहा कि वे आनंदपुर के प्रभार में भी हैं. परंतु अकेले होने की वजह से वे इन दोनों जगहों पर नियमित रूप से सेवा नहीं दे पा रहे हैं. कहा कि पशुपालकों से सूचना मिलने पर वे अवश्य पशुओं का इलाज करने के लिए वहां जरूर जाते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि अब तो विभाग की ओर से मोबाइल यूनिट भी चालू हो गई है. जिसके लिए लोग 1962 नंबर डायल कर सकते हैं. इस यूनिट में एक पारा वैट की नियुक्ति है. दूसरी ओर इस चिकित्सालय भवन की हालत बेहद खस्ता और जर्जर हो चला है. बिजली, पानी आदि की सुविधा भी सिर्फ दिखावे की रह गई है. क्षेत्र के पशुपालकों ने जिला प्रशासन से यहां स्थाई रूप से चिकित्सक की बहाली की गुहार लगाई है.

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