मनोहरपुर: आम, चिरौंजी, स्याली पत्ता ने डाला असर – केंदू पत्ती संग्रहण में आई भारी गिरावट.
मनोहरपुर (झारखंड): झारखंड राज्य वन निगम के आनंदपुर परिक्षेत्र के अंतर्गत विभिन्न केंदू पत्ती फांड़ियों में इस वर्ष औसत से काफी कम संग्रहण दर्ज किया गया है। इस गिरावट के चलते केंदू पत्ती संग्रहण से जुड़ी ठेका कंपनियों की चिंता बढ़ गई है, और उन्हें भारी नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।ग्रामीण इलाकों में इस वर्ष आम, चिरौंजी, स्याली पत्ता और साल पत्ता जैसी अन्य वनोपज की पैदावार में दोगुनी वृद्धि दर्ज की गई है। यही कारण है कि स्थानीय मजदूर केंदू पत्ती संग्रहण छोड़कर अन्य वनोपजों के उत्पादन में अधिक रुचि ले रहे हैं। इन फसलों से होने वाली आमदनी अधिक होने के कारण अधिकांश मजदूर अब केंदू पत्तियों के बजाय फल एवं बीज संग्रहण में जुटे हैं।इस बदलाव का सीधा असर केंदू पत्ती फांड़ियों की आवक पर पड़ा है। लगभग सभी फांड़ियों में संग्रहण मात्रा औसत से काफी नीचे रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यही स्थिति बनी रही, तो आने वाले वर्षों में ठेका कंपनियाँ केंदू पत्ती की निविदा लेने से पीछे हट सकती हैं। इससे झारखंड राज्य वन निगम के राजस्व पर बड़ा असर पड़ सकता है।वहीं वन निगम और ठेका कंपनियाँ अब इस संकट से निपटने के लिए संभावित विकल्पों पर विचार कर रही हैं, लेकिन वन उत्पादों की बदलती प्राथमिकताओं ने इस बार केंदू पत्ती व्यापार को बड़ा झटका दिया है।