ग्रामीण क्षेत्रों में बन रहे सड़कों में स्थानीय युवाओ को रोजगार देने मे भी नाकाम रहें हैं, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन- शिवा बोदरा ,आदिवासियों के लिए आज तक स्थानीय नीति तक भी नही बना पायी है;मुख्यमंत्री हेमंत -जल्द इस्तीफा दें.
राजेश सिंह ( चिरिया न्यूज़)
झारखंड के हेमंत सरकार अपने दो वर्षों के कार्यकाल में राज्य में ग्रामीण सड़कों के जाल विछाने के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों मे रहने वाले आदिवासी बेरोजगार युवकों को रोजगार देने मे भी पूरी तरह नाकाम रही हैं। इसलिए इस सरकार को गद्दी में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। उक्त बातें भाजपा अनुसूचित जनजातिमोर्चा के प्रदेश सदस्य शिवा बोदरा ने कहीं। उन्होंने कहा कि हेमंत सरकार अंकुवा से चिरिया तक वन विभाग की पांच किलोमीटर की कच्ची सड़क जो वर्षों से नयी सड़क बनने का बाट जोह रहें हैं । आज तक नही बन सकी है। नतीजतन वन विभाग की यह सड़क आज जंगलों मे पूरी तरह तब्दील हो चुकी है। सोनुवा प्रखंड के मुख्य बाजार से खुदाबुरु और लोंजो होकर राघोई जाने वाली सड़क एवं असंतालिया से रेंगाड़बेड़ा गाँव तक जाने वाली सड़क कि हालत आज बहुत ही खराब है। उन्होंने कहा कि मनोहरपुर के हाथी गेट से पाथर बासा तक की सड़क की हालत भी आज बहुत दयनीय बनी हुई है।श्री बोदरा ने कहा कि आदिवासियों के मसीहा माने जाने वाले सूबे की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन आज आदिवासियों के लिए स्थानीय नीति तक भी नही बना पायी है। स्थानीय नीति के नही बनने से राज्य के आदिवासी आज अपने कई हक और अधिकारों से बंचित हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि चिरिया व आस पास के गांव में बेरोजगारी ऐसी बढ़ गई है कियुवकों को आज कोरोना काल के समय भी रोजगार के लिए आंदोलन करने पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों हक और अधिकार की लडाई लड़ने वाले अखिल भारतीय क्रांतिकारी हो महासभा के कुछ लोगों पर आंदोलन को दबाने के लिए साजिश के तहत कुछ लोगों पर पिछले दिनों भीड़ जमा करने के नाम पर केस भी लदा गया है।श्री बोदरा ने कहा कि हेमंत सरकार मेंआज महिलाएं भी अपने आप को सुरक्षित महसूस नही कर रहे है। इसलिए राज्य से हेमंत सरकार का चले जाना ही राज्य के लिए भलाई है।