मनोहरपुर- छोटानागरा बाईहातु में 73 वाँ वन महोत्सव का हुआ आयोजन,वन कि सुरक्षा को लेकर ग्रामीनो को किया जागरूक.
मनोहरपुरः शनिवार को सारंडा के छोटानागरा पंचायत अंतर्गत बाईहातु गांव में 73 वाँ वन महोत्सव मनाया गया. इस वन महोत्सव का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि जिला परिषद उपाध्यक्ष रंजीत यादव, सारंडा डीएफओ चन्द्रमौली प्रसाद सिन्हा, आईएफएस सह संलग्न पदाधिकारी प्रजेश कांत जेना, टीएसएलपीएल खदान के राहुल किशोर, खादान प्रबंधक देवाशिष मुखर्जी, मानकी लागुडा़ देवगम,प्रमुख गुरुवारी देवगम, मुखिया मुन्नी देवगम, ने संयुक्त रुप से किया. इस कार्यक्रम में बतौर मुख्य मंत्री जोबा माँझी व्यस्तता के कारण कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पायीं, किंतु उन्होंने तमाम ग्रामीण जनता से जंगलों को माफियाओं, आग आदि से स्वंय के साथ-साथ सभी के हीत के लिये बचाने की अपील की. आज के कार्यक्रम में मुख्य अतिथि जिला परिषद उपाध्यक्ष रंजीत यादव ने कहा कि मानव के जन जीवन व जीने का मुख्य आधार जंगल व पर्यावरण है.सभी संकल्प लें यदी हम वन की रक्षा करेंगे तभी जन जीवन एवं पर्यावrण कि रक्षा कर पायेंगे.इसके लिए उन्होंने अधिक से अधिक संख्या में वृक्षारोपण करने पर बल दिया.साथ ही उन्होंने वन विभाग एंव तमाम खदान प्रबंधन से स्थानीय बेरोजगारों को वन आधारित रोजगार दें ताकि अन्य राज्यों में पलायन नहीं करें और वन कि रक्षा के लिए अपना योगदान दे पायें.सारंडा वन प्रमंडल के डीएफओ चन्द्रमौली प्रसाद सिन्हा ने कहा कि पूरे भारत में 746 वर्ग किलोमीटर वन का विस्तारीकरण हुआ है जो हर्ष की बात है. यह सफलता वन विभाग के अलावे तमाम संस्थानों, जनता के संयुक्त प्रयास से संभव हो सका है. उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान यह पाया गया कि जहां वनों का घनत्व ज्यादा है वहां के लोगों को कोरोना काफी कम नुकसान पहुंचाया. ऑक्सीजन को किसी प्लांट में कोई कंपनी नहीं बनाती है बल्कि वायुमंडल में मौजूद ऑक्सीजन हमारे पेड़ पौधे के माध्यम से ही मिलती है. कोरोना के वर्तमान हालात को देखते हुए पेड़ों की महत्ता बढ़ गई है. अतः हमें अधिक से अधिक संख्या में पेड़ लगाकर ऑक्सीजन व अन्य तमाम प्रकार की समस्याओं का समाधान करने की जरूरत है. जो भी पौधे वन विभाग के द्वारा लगाए जा रहे हैं उसकी समुचित देखभाल और उसकी सुरक्षा की व्यवस्था की जाएगी. सभी के सहयोग से सारंडा वन को सघन वन में परिवर्तित करने का कार्य करेंगे. इन पेड़ों के माध्यम से वायुमंडल में इतना अधिक ऑक्सीजन पैदा करेंगे,कि कभी ऑक्सीजन की समस्या देश में नहीं रहे. हर उत्सव मे लोग पेड़ अवश्य लगायें. जंगल में तस्करी के उद्देश्य से जाने वाली वाहनों को पकडे़ अथवा वन विभाग को सूचना दें. उन्होंने कहा कि खादानों से मिट्टी व मुरुम की बहाव को रोकने हेतु कैट प्लान का गठन किया गया है. सेल ने राशी उपलब्ध कराई है. टाटा स्टील भी कार्य कर रही है. सारंडा में बिना वन विभाग की अनुमति के पर्यटन का बढा़वा नहीं हो सकता है. सेल की मेघाहातुबुरु प्रबंधन 2 करोड़ रूपये यूको टूरिज्म का बढा़वा हेतु देगी. इससे टोयबो, थोलकोबाद आदि क्षेत्रों में यूको टूरिज्म का बढा़वा मिलेगा. टीएसएलपीएल खदान के राहुल किशोर ने कहा कि टीएसएलपीएल कंपनी हमेशा से हीं वन एंव पर्यावरण तथा इसमें निवास करने वाले तमाम प्रकार के वन्यप्राणियों एंव लोगों की रक्षा के प्रति गंभीर हैं. हम निरंतर जंगलों को बढा़ने, उसके संरक्षण व पर्यावरण को बचाने की दिशा में कार्य कर रहे हैं. जंगल जो हमें मुफ्त में औक्सिजन देती है उस जंगल को हम नष्ट कर रहे हैं, कोरोना के दौरान कृत्रिम आक्सीजन हम जीवन बचाने के लिये खरीदते नजर आयें. सारंडा वन प्रमंडल के अलावे गुवा वन प्रक्षेत्र के अधिकारियों के साथ मिलकर हम निरंतर वन महोत्सव, वन एंव वन्यप्राणियों को बचाने के कार्य में लगे हैं. इसके तहत ग्रामीणों व व्यापक समाज को भी जागरुक करने का कार्य के साथ-साथ पौधा रोपण का कार्य किया जा रहा है. आईएफएस प्रजेश कांत जेना ने कहा कि सारंडा जंगल एंव यहाँ की नदी-नाला, झरने की चर्चा पूरे विश्व में होती है. इस प्राकृतिक धरोहर व पर्यावरण को बचाना है. यहाँ की संस्कृति व आदिवासी पर्यावरण प्रेमी हैं. आदिवासियों के तमाम पर्व पेड़-पौधों की पूजा से जुड़ा है, अनेक पेड़ देव तुल्य है जिसकी सभी पूजा करते हैं. आपके सहयोग से हीं हम सारंडा जंगल व पर्यावरण को बचा सकते हैं. ग्राम सभा में पहले से पेड़-पौधों को काटने पर दंड की प्रथा थी. सारंडा पीढ़ के मानकी लागुडा़ देवगम ने सारंडा के तमाम गांवों के ग्रामीणों से अपील किया की वह अपने-अपने क्षेत्रों से हो रही लकडि़यों की तस्करी व पेडो़ं की कटाई, जंगल में लगने वाली आग से बचायें. अन्यथा आने वाली हमारी पीढी़ हमें माफ नहीं करेगी, क्योंकि हमें प्रकृति ने उपहार स्वरुप दिया जंगल व पर्यावरण को हम अपनी लालच प्रवृत्ति से खो चुके होंगे. जंगल हमें कभी भूख से मरने नहीं देती है, बल्कि सालों भर रहने, खाने, औषधि, पानी अर्थात जरूरत की सारी चीजें देती है. इस दौरान मुख्य रुप से गुवा के रेंजर ए के त्रिपाठी, थाना प्रभारी उमा शंकर वर्मा, मुंडा कानुराम देवगम, मुंडा जामदेव चाम्पिया, मुंडा रोया सिद्धू, मुंडा बिनोद बारीक, मुंडा पाईकरा देवगम, मान सिंह चाम्पिया आदि सैकड़ा ग्रामीण उपस्थित थे.