सारंडा -सुदूरवर्ती गंगदा के दोदारी में चिकित्सीय सुविधा व एम्बुलेंस के अभाव में,गर्भवती महिला का घर पर ही हुआ प्रसव.
मनोहरपुरः सारंडा के सुदूरवर्ती गंगदा पंचायत के दोदारी गांव में स्वास्थ्य विभाग व सहिया की भारी लापरवाही देखने को मिली. दोदारी गांव की गर्भवती महिला शांति सोरेन पति मदन सोरेन मंगलवार सुबह प्रसव पिडा़ से तड़पती रही. सुरक्षित प्रसव कराने तथा परेशान महिला की सहायता हेतु सहिया को फोन कर बुलाया गया, लेकिन सहिया नहीं आई. अंततः शांति सोरेन ने उसी दिन दोपहर 3 बजे घर में एक बच्ची को जन्म दिया. फ़िलहाल महिला व बच्ची दोनों स्वस्थ व सुरक्षित है. घटना के बाबत गांव के समाजसेवी मंगल कुम्हार ने बताया कि बच्ची के जन्म लेने के 2 घंटा पहले सहिया तारामनी सांडिल को सूचना दी गई. लेकिन सहिया तारामनी सांडिल बोली की मैं ऑनलाइन ट्रेनिंग में हूँ. मैं अभी नहीं आ सकती हूँ. इसके बाद सीएचओ गजरानी केरकेट्टा को फोन पर घटना की सूचना दी गई. सीएचओ केरकेट्टा द्वारा एएनएम शिला पूर्ति को घटना की जानकारी देकर उक्त महिला का प्रसव कराने का आदेश दिया,लेकिन महिला को समय पर चिकित्सीय सुविधा नहीं मिली.वहीं उस महिला का घर पर ही प्रसव होने के बाद. मंगल कुम्हार ने कहा कि सहिया तारामनी सन्डिल घर पर हीं थी. उसे औनलाईन मिटिंग जरूरी था या प्रसव पिडा़ से तड़पती महिला की मदद कर जान बचाना. उसने कहा कि ग्रामीणों द्वारा 108 एंबुलेंस को भी फोन किया गया लेकिन एम्बुलेंस भी नहीं आया. विदित हो कि मनोहरपुर प्रखंड के सुदूरवर्ती सारंडा अवस्थित वनग्राम के लोग आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है.विशेषकर चिकित्सीय सुविधा के लिए बीमार ग्रस्त रोगी एवं प्रसव के लिए गर्भवती महिलाओं को 25-30 किलो मीटर सुदूर मनोहरपुर सीएचसी जाना पड़ता है.समय पर चिकित्सीय सुविधा नहीं मिलने पर इसका नतीजा हाल के दिनो में देखने को मिला.अज्ञात बीमारी से कुल 10 लोगों कि मौत हुई है.जिसमें सारंडा के छोटानागरा पंचायत के गाँव जोजोगुटू (8)रोडुआ( 1) एवं गंगदा पंचायत के सलाई में (1) समेत कुल 10 लोगों की मौत का मामला सामने आया हैं.इसके मद्देनज़र स्वास्थ्य विभाग कि टीम के अलावा टाटा स्टील कंपनी की टीम प्रभावित क्षेत्रों में हेल्थ कैंप लगाकर स्वास्थ्य जाँच कर निशुल्क दवा इत्यादि मुहैया करा रही है.