मनोहरपुर-चिड़िया में आंदोलनकारियों के संग त्रिपक्षीय वार्ता में प्रशासन के आश्वासन पर,चार दिन के बाद अनिश्चितक़ालीन धरना प्रदर्शन हटा.
सेल प्रबंधन रोज़गार देने के नाम पर सीएसआर द्वारा निविदा के आधार पर ठेका का काम करने का युवाओं से किया अपील.मनोहरपुर : चिड़िया(सेल)आयरन ओर माइंस में रोज़गार की मांग को लेकर स्थानीय बेरोज़गार युवाओं का चौथे दिन यानी शनिवार को भी आंदोलन जारी रहा.अनिश्चित क़ालीन बंद से सेल को भारी क्षति होने के बाद आंदोलनकारियों को शनिवार को चिड़िया स्थित सेल ऑफिस में वार्ता के लिए बुलाया है.सेल के अधिकारियों,स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों और आंदोलनकारियों के बीच त्रिपक्षीय वार्ता हुई.जिसमें सेल प्रबंधन ने मुख्य मुद्दा रोज़गार देने पर वार्ता तो नहीं की.किंतु सीएसआर के तहत युवाओं को निविदा पर निकलने वाले ठेका का कार्य करने की अपील किया.वहीं स्थानीय प्रशासन ने सेल के ठेका कंपनी को बाहरी लोगों को हटाकर स्थानीय लोगों को प्राथमिकता के आधार पर उन्हें काम पर रखने की सिफ़ारिश किया.वहीं सेल प्रबंधन के ढुलमुल रवैये से आंदोलनकारी युवाओं में भारी नाराज़गी है.किंतु प्रशासन के आश्वासन पर आन्दोलनकारियों ने अपना अनिश्चित क़ालीन आंदोलन वापस ले लिया है.त्रिपक्षीय वार्ता में सेल के सीजीएम कमल भास्कर,ठेका कंपनी के सुनील शाह,पंकज अग्रवाल,स्थानीय प्रशासन से बीडीओ शक्तिकुंज,एसडीपीओ जयदीप लकड़ा एवं धरना प्रदर्शन आंदोलन कर रहे है.आदर्श श्रमीक स्वालंबी सहकारी समिति के अध्यक्ष आनंद तांती,सुनील कुमार दास,सिंगराय क्व्ष्छप,राजकुमार बड़ाईक,पावल होरो उपस्थित थे.समिति के अध्यक्ष आनंद तांती ने कहा कि रोज़गार देने की मुद्दे पर सेल व ठेका प्रबंधन का वही पुराना राग सेल में किसी भी प्रकार की भेकेंसी नहीं है.प्रबंधन की शुरू से ही मंशा रही है.रोज़गार के मुद्दे में कोई भी आंदोलन ना हों.उन्होंने कहा कि आंदोलन को कुचलने को लेकर सेल प्रबंधन व ठेका कंपनी कोईं भी कसर नहीं छोड़ी.हमें पुलिस प्रशासन का भई के अलावा पेयजल आपूर्ती भी बंद कर दिया था.जिससे हम सभी पानी के बिना भूखे प्यासे धरना प्रदर्शन पर बैठे रहे.उन्होंने कहा कि विगत दस वर्षों से स्थानीय शिक्षित बेरोज़गार युवा सेल व ठेका प्रबंधन से रोज़गार देने की मांग आदर्श स्वालंबी सहकारी समिति के बैनर तले मांग उठाती रही है.किंतु सेल व ठेका प्रबंधन सिर्फ़ आश्वासन के नाम पर हमलोगों को ठगती आ रही थी.जबकि सेल अधिकृत ठेका कंपनी अपने काम पर झारखंड से बाहर के लोगों को काम पर रखे हुए है.बाध्य होकर हमसभी आंदोलन करने को मजबूर हुए थे.किंतु प्रशासन के बात पर यदि सेल के ठेका कंपनी बाहरी लोगों के बदले 75% प्रतिशत स्थानीय लोगों को काम पर नहीं रखती है तो हमसभी पुनः आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.इसकी सारी जवाबदेही सेल व ठेका प्रबंधन की होगी.