मनोहरपुर-मीनाबाजार गिंडुग भाया पोड़ंगा मार्ग से आयरन ओर ट्रांसपोर्टिंग को लेकर,सेल व ठेका कंपनी के बीच ग्रामीणों का द्विपक्षीय वार्ता विफल.
मनोहरपुर : विगत तीन दिनों से मनोहरपुर चिड़िया सेल की धोबिल माइंस से आयरन ओर ट्रांसपोर्टिंग बंद है. जिससे सेल व ठेका कंपनी को आर्थिक क्षति हो रही है. कारण वन विभाग माइंस जाने वाले मार्ग पाथरबासा चेक पोस्ट पर ताला जड़ दिया है. उक्त मार्ग के अवरुद्ध होने से सेल की ठेका कंपनी चाहती है की चिड़िया धोबिल माइंस से आयरन ओर की ट्रांसपोर्टिंग आर्यु विभाग से बना ग्रामीण सड़क मीनाबाजार,गिंडूंग,कोलभंगा भाया पोड़ंगा जंक्शन मार्ग से हो. जिसको लेकर चार गांवों के ग्रामीण आयरन ओर की ट्रांसपोर्टिंग का विरोध कर रहे हैं.कारण दो साल पूर्व बना आर्यु विभाग का यह ग्रामीण सड़क भारी भरकम वाहनों के लिए उपयुक्त नहीं है. मार्ग पर सिर्फ अधिकतम 15 टन तक मालवाहक वाहनों से ढुलाई करने की क्षमता है. जबकि सेल अधिकृत ठेका कंपनी के मालवाहक वाहनों से आयरन ओर की ढुलाई करीब 40-45 टन तक होती है. जिससे ग्रामीणों ने बुधवार को सेल के ठेका कंपनी को इस मार्ग से गुज़रने वाली सभी मालवाहक वाहनों से आयरन ओर की ट्रांसपोर्टिंग पर रोक लगा दी थी. जिससे गुरुवार को मनोहरपुर साइडिंग स्थित सेल के गेस्ट हाऊस में सेल व ठेका प्रबंधन के अधिकारियों और 4 गांवों के ग्रामीणों के संग द्विपक्षीय वार्ता हुई. वार्ता घंटों चलने के बाद नतीजा सिफर रहा और वार्ता विफल हो गई. वार्ता में शामिल ग्रामीणों की ओर से प्रतिनिधित्व करनेवाले सदस्यों ने कहा कि सेल प्रबंधन लिखित रूप से आश्वासन दे. उसके बाद ही ग्रामीण उक्त सड़क से लौह - अयस्क का परिवहन करने दिया जाएगा.अन्यथा परिवहन नहीं करने दिया जाएगा. जिससे ग्रामीणों को सेल प्रबंधन ने लिखित रूप से आश्वासन देने से इंकार कर दिया. जिससे वार्ता विफल हो गई. इस बैठक में मुख्य रूप से चिड़िया सेल के अधिकारियों में जीएम रवि रंजन, एस एस राव, रतन पात्री, ठेका कंपनी के सुनील शाह, पंकज कुमार अग्रवाल,पुलिस निरीक्षक रणविजय शर्मा के अलावा गिंडूंग के ग्राम मुंडा रामचंद्र हेंब्रम, शंकर सिंह मुंडारी, राजा सुरीन, इंद्रजीत समद, लाइलोर पंचायत की पंचायत समिति सदस्य तारा सोय के अलावा काफी संख्या में गिंडूंग, कोलबोंगा, पोंड़ंगा और मीना बाजार के काफी संख्या में ग्रामीण पहुँचे थे.
15 टन की क्षमता वाली ग्रामीण सड़क पर 45 टन की भारी मालवाहक वाहन कैसे चलेंगी-ग्रामीण.:-सेल व ठेका प्रबंधन के संग द्विपक्षीय वार्ता में ग्रामीणों ने कहा कि मीना बाजार से गिंडूंग होते हुए माइंस तक की यह ग्रामीण सड़क काफी मुश्किलों के बाद बनी है. इस सड़क की भार क्षमता अधिकतम 15 टन की है. जबकि लौह - अयस्क लेकर भारी मालवाहक वाहन कुल 40-45 टन की होगी. ऐसे में यह ग्रामीण सड़क शीघ्र जर्जर हो जाएगी .तब इसकी जिम्मेवारी कौन उठाएगी. वहीं ग्रामीणों ने कहा कि यदि सेल को इस मार्ग पर परिवहन करना है तो सड़क की भार क्षमता के लायक निर्माण करना होगा. साथ ही सेल प्रबंधन उक्त सड़क के मजबूतीकरण के लिए उच्च स्तर पर कागजी कार्रवाई करनी होगी. तथा राज्य सरकार और वन विभाग से अनुमति के बाद ही कुछ किया जा सकता है. इसमें भी समय लग सकता है. वहीं मौजूदा हालात में परिवहन के दौरान अगर सड़क खराब होगी तो उसका नियम और शर्तों के अनुरूप मरम्मत किया जाएगा. परंतु ग्रामीणों ने सेल प्रबंधन से कहा कि जो भी बात हुई है. उस बात को सेल प्रबंधन को हम ग्रामीणों को लिखित रूप से देना होगा. तब अधिकारियों ने अपनी बातों को लिखित रूप से देने से मना कर दिया. और इसे सेल अधिकारियों ने परिवहन को रोकने को गैर कानूनी भी बता दिया. कहा कि साल 1997 से इस रूट पर परिवहन का हमें अनुमति प्राप्त है. उसके बाद ग्रामीणों ने बैठक स्थल से यह कहते हुए बाहर निकल गए कि फैसला होने तक लौह - अयस्क का परिवहन उक्त मार्ग से नहीं होने दिया जाएगा.
मीडिया से प्रेस वार्ता के दौरान ,सेल अधिकारी ने कहा हम नहीं इसके लिए अधिकृत:-वार्ता विफल होने के बाद पत्रकारों ने जब सेल प्रबंधन के अधिकारियों से आधिकारिक बयान की पुष्टि की मांग की तो अधिकारियों ने कहा कि वे पत्रकारों से बात करने के लिए अधिकृत नहीं हैं. उसके लिए आपको सेल के पीआरओ से बात करनी पड़ेगी.
सेल प्रबंधन के अधिकारियों के संग ग्रामीणो की द्विपक्षीय वार्ता हुई. किंतु सेल के द्वारा लिखित रूप से आश्वासन नहीं दिए जाने से वार्ता विफल हो गई. जबकि वार्ता का निष्कर्ष निकले बग़ैर गिंडूंग के रास्ते लौह - अयस्क का परिवहन नहीं होने दिया जाएगा. लिहाज़ा पहले की तरह इस मार्ग से खाली मालवाहक वाहनों के आवाजाही पर हम ग्रामीणों की कोई रोक नहीं है.रामचंद्र हेंब्रम, ग्राम मुंडा, गिंडूंग.