मनोहरपुर में डायन प्रथा उन्मूलन के लिए नुक्कड़ नाटक का आयोजन
झारखंड सूचना एवं जनसंपर्क विभाग और तुलसी सांस्कृतिक मंच की पहल मनोहरपुर (पश्चिमी सिंहभूम), झारखंड — झारखंड सरकार के जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग की ओर से मनोहरपुर प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में डायन प्रथा जैसी सामाजिक कुरीति के खिलाफ जनजागरूकता अभियान चलाया गया। इस अभियान के तहत तुलसी सांस्कृतिक मंच द्वारा नुक्कड़ नाटकों का मंचन किया गया।नाटकों के माध्यम से ग्रामीणों को यह संदेश दिया गया कि डायन प्रथा एक अपराध है और इसके तहत कानूनन सख्त सज़ा का प्रावधान है। नुक्कड़ नाटक में स्पष्ट रूप से बताया गया कि डायन प्रथा प्रतिषेध अधिनियम, 2001 के तहत किसी महिला को "डायन" कहना दंडनीय अपराध है, जिसमें तीन माह की कारावास और ₹1000 जुर्माना का प्रावधान है। यदि किसी महिला को डायन कहकर मानसिक या शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है, तो दोषी को छह माह की कारावास, ₹2000 जुर्माना अथवा दोनों सजाएं दी जा सकती हैं।वहीं कार्यक्रम के दौरान कलाकारों ने यह भी संदेश दिया कि यदि परिवार में कोई व्यक्ति बीमार हो, तो उसे ओझा-गुनी के पास ले जाने के बजाय नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं। चिकित्सा उपचार ही एकमात्र सही विकल्प है।इस अवसर पर कई प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित रहे, जिनमें बीडीओ शक्ति कुंज, सीओ प्रदीप कुमार, एसडीपीओ जयदीप लकड़ा, थाना प्रभारी अमित खाखा और बीपीआरओ राजेंद्र बाड़ा शामिल थे। इन अधिकारियों ने भी कार्यक्रम को सराहा और लोगों से अंधविश्वास के विरुद्ध एकजुट होकर खड़े होने की अपील की।यह पहल न केवल सामाजिक जागरूकता फैलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, बल्कि झारखंड सरकार की ओर से महिलाओं की सुरक्षा और सम्मान सुनिश्चित करने की प्रतिबद्धता को भी दर्शाती है।