मनोहरपुर-महादेवशाल धाम में खंडित शिवलिंग की होती है पूजा, सावन की दूसरी सोमवारी पर उमड़ेगा श्रद्धालुओं का जनसैलाब

मनोहरपुर : 19 जुलाई — सावन मास की दूसरी सोमवारी 21 जुलाई को है, और उससे पूर्व ही झारखंड के मिनी बाबा धाम के रूप में प्रसिद्ध महादेवशाल धाम में भक्तों का रेला उमड़ पड़ा है। पश्चिमी सिंहभूम जिले के घने जंगलों और पहाड़ियों के बीच स्थित इस प्राचीन शिवालय में श्रद्धालुओं की आस्था चरम पर है। जलाभिषेक के लिए आतुर कांवड़ियों का कारवां झारखंड ही नहीं, बल्कि ओडिशा, पश्चिम बंगाल और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से भी यहां पहुंच रहा है।**इस शिवधाम की एक विशिष्टता यह है कि यहां खंडित शिवलिंग की पूजा की जाती है :-एक परंपरा जो ब्रिटिश काल से चली आ रही है और जिसे लेकर जनमानस में गहन आस्था और ऐतिहासिक जिज्ञासा जुड़ी हुई है. इतिहास से जुड़ी आस्था: जब अंग्रेज इंजीनियर की हुई थी मृत्यु :-स्थानीय जनश्रुति के अनुसार, ब्रिटिश काल के दौरान जब बंगाल-नागपुर रेलवे लाइन और सुरंग निर्माण का कार्य चल रहा था, तब एक मजदूर को खुदाई के दौरान शिवलिंगनुमा पत्थर दिखाई दिया। मजदूरों ने धार्मिक कारणों से वहां कार्य करने से इंकार कर दिया। इसके बाद अंग्रेज इंजीनियर रॉबर्ट हेनरी ने स्वयं पत्थर हटाने का प्रयास किया और जैसे ही उसने फावड़ा चलाया, शिवलिंग खंडित हो गया। उसी क्षण उसकी मृत्यु हो गई। इस रहस्यमयी घटना के बाद न केवल सुरंग का मार्ग बदल दिया गया, बल्कि उस स्थल को धार्मिक मान्यता देते हुए मंदिर का निर्माण किया गया और वहां नियमित पूजा-अर्चना की परंपरा शुरू हुई.*सावन में उमड़ता है श्रद्धालुओं का सैलाब*:-सावन माह में महादेवशाल धाम में लाखों श्रद्धालु दर्शन और जलाभिषेक के लिए पहुंचते हैं। मंदिर परिसर में विशेष सजावट, विद्युत लाइटिंग और श्रावणी मेले का आयोजन इसे भव्य धार्मिक आयोजन में तब्दील कर देता है। इस बार भी मंदिर को रंग-बिरंगी रोशनियों और पुष्प सज्जा से अलंकृत किया गया है। श्रावणी मेले का उद्घाटन गत रविवार को सिंहभूम की सांसद जोबा माझी के द्वारा किया गया था ।*सेवा में समर्पित संस्थाएं :-कांवड़ियों की सुविधा के लिए ओडिशा की कई स्वयंसेवी संस्थाएं राउरकेला वेदव्यास से लेकर महादेवशाल तक के दुर्गम मार्गों पर भंडारा एवं चिकित्सा सेवा प्रदान कर रही हैं। इन सेवाओं में श्री श्री शिव महिमा कांवड़िया संघ, बिश्रा रोड, राउरकेला की भूमिका उल्लेखनीय है, जो पिछले 31 वर्षों से मनोहरपुर रेलवे परिसर में सावन माह के प्रत्येक शनिवार को निस्वार्थ सेवा कर रही है। इस कार्य में संस्था के सदस्यों के साथ-साथ स्थानीय दानदाताओं का भी महत्वपूर्ण योगदान है।आस्था और सांस्कृतिक विरासत का संगम:-महादेवशाल धाम केवल धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। खंडित शिवलिंग की पूजा और उससे जुड़ी ब्रिटिश कालीन घटना इस स्थल को विशिष्ट बनाती है। सावन की सोमवारी के अवसर पर यह स्थान आस्था, भक्ति और सांस्कृतिक विरासत का अनुपम संगम बन जाता है।

Most Viewing Articles

पुलिस कांस्टेबल भर्ती की तैयारी कर रहे युवक की फिजिकल प्रैक्टिस के दौरान मौत, गांव में शोक का माहौल

मनोहरपुर पोस्ट ऑफिस में CBI की छापेमारी, पोस्टमास्टर 20 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार

मनोहरपुर की कमलेश कुमार गुप्ता का प्रशासनिक सेवा में चयन, क्षेत्र में खुशी की लहर.