मनोहरपुर-भैया दूज पर बहनों ने व्रत रख,भाईओं के दीर्घायु की किया कामना.
मनोहरपुर: प्रखंड भर में भैया दूज बुधवार को धूमधाम से मनाया गया.भाई बहन का यह अनूठा त्योहार बहनों ने अपने भाईयों की सुख समृद्धि,स्वस्थ एवं दीर्घायु के लिए व्रत रखकर अनुष्ठान संपन्न किया.उल्लेखनीय है कि भैया दूज दिवाली पर्व के आखिरी दिन भाई दूज मनाया जाता है.यह पर्व भाई-बहन के प्रेम को और भी बढ़ा देता है.इस दिन बहने अपने भाई की लंबी उम्र के लिए व्रत करती हैं और भाई अपनी बहन के घर जाकर भोजन करते हैं.इस साल यह पर्व 15 नवंबर 2023 बुधवार के दिन मनाया गया.ऐसे में आइए जानते हैं भाई दूज की कथा.इस विशेष दिन पर बहनें यमराज की पूजा करती हैं ताकि उनके भाई को जीवन में सफलता मिले.पौराणिक कथा के अनुासर सूर्यदेव की पत्नी का नाम छाया था.उनके पुत्र यमराज और पुत्री यमुना थी.यमराज अपनी बहन यमुना से बहुत लगाव रखते थे.यमुना बार-बार यमराज से अपने घर आने का निवेदन करती थी, लेकिन काम की अधिकता के चलते वह अपनी बहन से मिलने नहीं जा पाते थे.एक दिन यमुना ने यमराज के वचन लिया कि वह कार्तिक माह की शुक्ल द्वितीया तिथि पर उसके घर आएंगे.लेकिन यमराज को यमुना के घर जाने में थोड़ा संकोच होने लगा, क्योंकि वह लोगों के प्राणों को हरते हैं, ऐसे में कौन उन्हें अपने घर बुलाएगा.लेकिन बहन को वचन देने के कारण वह यमुना के घर चले जाते हैं.अपने भाई यम को देख यमुना बहुत प्रसन्न हो जाती हैं और आतिथ्य भाव से उनकी सेवा की.यमुना ने अपने भाई के लिए तरह-तरह के पकवान बनाए.अपनी बहन का सेवा भाव देख यमराज बहुत प्रसन्न हुए और यमुना से कोई वर मांगने के लिए कहा.इसपर यमुना ने उनसे वचन लिया कि हर साल इसी तिथि यानी कार्तिक माह की शुक्ल द्वितीया पर वह मेरे घर आकर भोजन किया करें.यमराज ने भी उन्हें तथास्तु कहते हुए उन्हें तरह-तरह की भेंट भी दी.माना जाता है कि इसी दिन से भाई दूज की प्रथा शुरू हुई.यह है मान्यता:-साथ ही यह भी मान्यता है कि जो भी भाई इस दिन यमुना नदी में स्नान कर बहन के आतिथ्य को स्वीकार करता है और अपनी बहन से तिलक करवाता है, उसे यम का भय नहीं रहता है.साथ ही यह भी माना गया है कि इस दिन अगर भाई बहन पवित्र नदी यमुना में स्नान करते हैं तो उन्हें लंबी उम्र का वरदान मिलता है.