प्रखंड स्तर पर "परिवार आधारित वैकल्पिक देखभाल, खुशहाल परिवार" विषय पर बाल संरक्षण कार्यशाला आयोजित.
आंनदपुर प्रखंड के बेड़ा केंदुदा पंचायत भवन में हुआ आयोजनमनोहरपुर/आंनदपुर,: आज दिनांक 21 मई दिन बुधवार को जिला प्रशासन के निर्देशानुसार बाल संरक्षण सहायता कार्यालय एवं समेकित जन विकास केंद्र, जमशेदपुर के संयुक्त तत्वावधान में "परिवार आधारित वैकल्पिक देखभाल, खुशहाल परिवार" विषय पर प्रखंड स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम आंनदपुर प्रखंड के बेड़ा केंदुदा पंचायत भवन में संपन्न हुआ।कार्यक्रम का शुभारंभ प्रखंड प्रमुख दिलबर खाखा, जिला परिषद सदस्य विजय भेंगरा, समेकित जन विकास केंद्र के प्रबंधक फादर वीरेंद्र टेटे और बाल संरक्षण पदाधिकारी डॉ. कृष्णा कुमार तिवारी की अध्यक्षता में किया गया।सेमिनार का मुख्य उद्देश्य प्रखंड स्तर पर बाल विवाह, बाल तस्करी, बाल श्रम, बाल यौन अपराध और नशा जैसे गंभीर मुद्दों पर रोकथाम लाना था। डॉ. तिवारी ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा “सुरक्षित बचपन, खुशहाल जीवन” कार्यक्रम के तहत बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा और वैकल्पिक देखभाल की व्यवस्था जैसे स्पॉन्सरशिप, फॉस्टर केयर और आफ्टर केयर योजनाएं चलाई जा रही हैं। इनमें जरूरतमंद 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को प्रति माह 4000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।डॉ. तिवारी ने आगे कहा कि बाल तस्करी, विवाह और शोषण जैसे कृत्य समाज पर कलंक हैं और इन्हें जड़ से खत्म करने के लिए समुदाय और सरकार दोनों को साथ आना होगा। उन्होंने कहा, "जब हम बच्चों को स्वस्थ, सुरक्षित और शिक्षित जीवन देंगे, तभी एक बेहतर समाज, राज्य और राष्ट्र का निर्माण संभव होगा।"प्रखंड प्रमुख दिलबर खाखा ने कहा:"बाल विवाह हमारे सभ्य समाज के लिए एक बदनुमा दाग है। माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों की शादी तब करें जब वे मानसिक और शारीरिक रूप से परिपक्व हो जाएं। समाज में व्याप्त कुरीतियों को केवल कानून के बल पर नहीं, बल्कि सामाजिक जागरूकता और सहभागिता से समाप्त किया जा सकता है।" *समाज की भागीदारी ज़रूरी* :-बाल अधिकार मंच के समीर तोपनो ने प्रतिभागियों से आह्वान किया कि वे बाल विवाह और अन्य कुप्रथाओं के विरुद्ध सक्रिय भूमिका निभाएं और समुदाय को जागरूक करें।* जिला परिषद सदस्य विजय भेंगरा ने की अपील:-*"अगर आपके आस-पास बाल विवाह हो रहा है तो इसकी सूचना बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी या चाइल्डलाइन 1098 पर दें। संबंधित अधिकारियों द्वारा तत्काल कार्रवाई की जाएगी।"वहीं इस कार्यक्रम में सिस्टर बेनिडिकता एक्का ने मंच का संचालन किया। मौके पर JSLPS पदाधिकारी, सेविकाएं, आउटरीच कार्यकर्ता, सहिया, मानकी-मुंडा, समुदाय फॉस्टर परिवार, एस्पायर संस्था के सदस्य और अन्य प्रखंड कर्मी उपस्थित रहे।यह कार्यशाला न केवल बाल संरक्षण पर जागरूकता बढ़ाने का माध्यम बनी, बल्कि समाज को बाल अधिकारों की रक्षा हेतु सामूहिक प्रयासों की ओर भी प्रेरित करती है।